चैतन्य बघेल की रिमांड14 दिन बढ़ी, 10 दिसंबर 2025 तक बढ़ी अवधि।
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रायपुर।27/11/2025(Satish Sahu) छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को विशेष ACB/EOW कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उनकी न्यायिक रिमांड 14 दिनों के लिए और बढ़ाते हुए 10 दिसंबर 2025 तक जेल भेजने का आदेश दिया। चैतन्य बघेल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें घोटाले से करोड़ों रुपये प्राप्त करने का दावा शामिल है। EOW ने 6 आरोपियों के खिलाफ पेश किया 7 हजार पन्नों का छठवां पूरक चालान शराब घोटाले की जांच में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 6 आरोपियों के खिलाफ 8th ACB/EOW कोर्ट में छठवां पूरक चालान दाखिल किया। इस चालान में नाम शामिल हैं पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास, अतुल सिंह, मुकेश मनचंदा, नितेश पुरोहित, यश पुरोहित, और दीपेंद्र चावड़ा। EOW द्वारा पेश किया गया यह पूरक चालान लगभग 7,000 पन्नों का है, जिसे जांच की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह चालान आरोपियों की भूमिका, वित्तीय लेन-देन और सिंडिकेट की कार्यप्रणाली का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। 3200 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप छत्तीसगढ़ के इस शराब घोटाले की जांच सबसे पहले ED ने शुरू की थी। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई थी, जिसमें 3,200 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का दावा किया गया। FIR में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी, कारोबारी और अन्य मध्यस्थों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ED की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि घोटाले के दौरान तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में IAS अनिल टुटेजा, पूर्व आबकारी आयुक्त AP त्रिपाठी, और कारोबारी अनवर ढेबर की अगुवाई में एक मजबूत सिंडिकेट बनाया गया था, जिसने अवैध वसूली और खरीद प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। चैतन्य बघेल को जन्मदिन के दिन गिरफ्तार किया गया था ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 18 जुलाई 2025, यानी उनके जन्मदिन के दिन, भिलाई स्थित निवास से PMLA 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। ED की जांच IPC की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत EOW रायपुर द्वारा दर्ज FIR पर आधारित है। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि इस घोटाले के कारण प्रदेश के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा, जबकि लगभग 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) सिंडिकेट से जुड़े व्यक्तियों तक पहुंचाई गई। Also Read – स्कूल शिक्षा विभाग ने 1284 प्राचार्यों की पदस्थापना सूची जारी की ED का दावा—चैतन्य बघेल को घोटाले से मिले 16.70 करोड़ रुपये ED ने कोर्ट में बताया है कि चैतन्य बघेल को शराब सिंडिकेट से 16.70 करोड़ रुपये नकद प्राप्त हुए। इन पैसों का उपयोग उन्होंने अपनी कई रियल एस्टेट कंपनियों और प्रोजेक्ट्स में किया। इन आरोपों में शामिल हैं— ठेकेदारों को नकद भुगतान, नकद के बदले बैंक एंट्री लेना, फर्जी निवेश दिखाना, फ्लैटों की खरीद की आड़ में धन शोधन। जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने बिजनेसमैन त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर एक फर्जी योजना बनाई, जिसके तहत ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैट खरीद दिखाकर 5 करोड़ रुपये की अवैध राशि ट्रांसफर की गई। बैंक लेन-देन की ट्रेल भी ED ने कोर्ट में पेश की है। कई बड़े नाम पहले से गिरफ्त में इस घोटाले में कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियाँ पहले ही हो चुकी हैं। अब तक ED ने जिन प्रमुख चेहरों को गिरफ्तार किया है, उनमें शामिल हैं— पूर्व IAS अनिल टुटेजा ITS अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी कारोबारी अनवर ढेबर बिल्डर त्रिलोक सिंह ढिल्लों पूर्व आबकारी अधिकारी अरविंद सिंह और पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक कवासी लखमा ED की कार्रवाई आगे भी जारी है, और आने वाले दिनों में और पूरक चालान और गिरफ्तारियाँ होने की संभावना है।

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