August 31, 2025

निगम में सात माह से बिना वेतन काम करने मजबूर हैं महिलाएं,चूल्हा जलाना हो रहा कठिन,कर्जदार बना रहे दबाव…निगम अधिकारियों की लापरवाही से अटका वेतन।

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बिलासपुर।01/08/2025(Cgupdate.in) Satish Sahu

नगर निगम बिलासुर में अनुकंपा नियुक्ति के तहत22 कर्मचारियों को नियुक्ति मिली है पर अधिकारियों की लापरवाही से कई कर्मचारियों के साथ महिलाओं को भी सात माह से वेेेेतन नही मिला है ।जिससे कर्मचारियों को घर चलाना कठिन हो गया है। परिवार का भरण पोषण,बच्चों के फीस के लिए भी पैसे नहीं है। विगत छह माह से बिना पेमेंट के जैसे तैसे गुजारा कर रहे हैं। खर्च उठाने के लिए महिलाओं को जेवर बेचना पड़ रहा है। आर्थिक तंगी से परेशान होकर कर्मचारियों ने कलेक्टर के पास पहुंची और वेतन जारी करवाने के लिए गुहार लगाया है। नगर निगम में 10 जनवरी 2025 को 22 कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति मिली। जिसमें 11 महिलाएं व 11 पुरूष कर्मचारी शामिल हैं। दिव्यांगत कर्मचारियों के अश्रित परिवारों के सदस्यों को नियम अनुसार छानबिन समिति की अनुशंसा पर राज्य शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से विधिवत पद स्वीकृत होने के उपरान्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया गया। कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति आदेश भी प्राप्त हो गया है। प्रान नम्बर आबंटित हो गया। सभी कर्मचारी साम से निगम में काम कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिला है। इस वजह से सभी कर्मचारी परेशान हैं। जबड़ापरा निवासी मीरा तिवारी ने बताया कि नगर निगम में पति आरआई थे। अप्रैल 2018 में उसकी मौत हो गई। तब से नगर निगम में आठ साल से ठेका के अंदर काम कर रहे थे। जनवरी चार बच्चों का भरण पोषण नहीं कर पा रही हूं गीता श्रीवास ने बताया कि पति दिनेश श्रीवास निगम में आरआई के पद पर पदस्थ थे। साल 2016 को उसकी मौत हो गई थी। हमारे चार कर्जदार भी करने लगे परेशान 2025 को अनुकंपा नियुक्ति मिली। सात माह बाद भी वेतन नहीं मिला है। कर्ज लेकर परिवार चला रहे हैं। कर्जदार भी पैसा वापस मांग रहे हैं। अब कोई उधार पैसा भी नहीं दे रहे हैं। बच्चे हैं। तीन लड़की व एक लड़का है। बाकी बच्चे साथ में रहते हैं। वेतन नहीं मिलने से बच्चों का भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों की फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं कर्मचारी अन्नपूर्णा सोनी ने बताया कि नगर निगम में पति फीटर थे। साल 2016 को पति की मौत हो गई। दो बच्चे हैं। दोनों पढ़ाई कर रहे हैं। वेतन नहीं मिलने से भरण पोषण ठीक से नहीं हो पा रहा है और न ही बच्चों का स्कूल फीस भी देने में असमर्थ हैं। बच्चों की पढ़ाई को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है मंगल सूत्र से लेकर सभी जेवर बेचना पड़ गया, जिससे बच्चों की मानसिक स्थिति भी बिगड़ रही है। जेवर बेचना पड़ा, अब नहीं है पैसा कर्मचारी रजनी गुप्ता ने बताया कि पति टेक्स विभाग में आरआई थे। 2018 को मौत हुई। साथ में दो बच्चे हैं। फीस जमा नहीं होने के कारण पढ़ाई रूक गई है। स्कूल में एडमिशन नहीं करवा प रही हूं। जेवर तक बेचना पड़ गया है। पूरे परिवार का जीवन दूभर हो गया है

“शासन स्तर पर कुछ प्रक्रिया अटकी हुई है। इसलिए वेतन नहीं मिला है। जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा”  खंजाची कुम्हार (अपर आयुक्त नग निगम बिलासपुर)

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