ग्राम बीजा के रसूखदार कोटवार की दहशत और गुंडागर्दी पर समय रहते कार्रवाई नही….ट्रैक्टर से कुचलने का साहस ….कई सफेदपोशों की पार्टियां भी अरेंज करता था आरोपी…?
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बिलासपुर।30/05/2024(cgupdate.in)Satish Sahu
तखतपुर के ग्राम बीजा के रसूखदार कोटवार की दहशत और गुंडागर्दी पर समय रहते कार्रवाई नही हुई इसी के कारण कोटवार वीरेंद्र रजक और उसका परिवार पूर्व महिला सरपंच को ट्रेक्टर से कुचलकर मार डालने का प्रयास किया । गंभीर रूप से घायल पूर्व महिला सरपंच और एक और महिला अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है ।
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यह उल्लेखनीय है कि बीजा एक बड़ा ग्राम है जहां दो कोटवार हैं । पूर्व में एक कोटवार का देहांत हो जाने के बाद ने तिकड़म भिड़ाकर रिक्त कोटवार के पद पर करीब 15 साल पहले वीरेंद्र रजक काबिज हो गया था । उसकी दबंगई को देखते हुए एक अन्य कोटवार डर के मारे शांत बैठ गया ।शासन की ओर से मिलने वाले 10 एकड़ सरकारी जमीन को भी वीरेंद्र रजक ने हथिया लिया ।यही नहीं पुलिस ,थाना,तहसीलदार , एस डी एम कोर्ट में भी लगातार आना जाना कर वहा अपना प्रभाव जमा लिया साथ ही अपने प्रभाव के बल पर गांव में रंगदारी भी शुरू कर दिया ।पूर्व में गांव में कैलाश गौरहा का प्रभाव था । वे वहां के मालगुजार थे ।श्री गौरहा का गांव में तूती बोलती थी । गांव वाले श्री गौरहा की बात मानते थे लेकिन श्री गौरहा के निधन के बाद कोटवार वीरेंद्र रजक अपने रंगदारी के बल पर गांव का सर्वेसर्वा बन बैठा ।डराने धमकाने के साथ ही सरकारी जमीन पर कब्जा भी करने लगा ।कोटवार की हरकतों और गुंडागर्दी पर अंकुश लगाना तो दूर पुलिस और तखतपुर प्रशासन कोटवार को अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण देते रहे ।यही वजह है कि कोटवार वीरेंद्र रजकऔर उसके परिवार का गांव में आतंक बढ़ गया । वीरेंद्र रजक था तो वह कोटवार लेकिन आतंक के बल पर साधन संपन्न हो गया । अभी हाल में उसने ट्रेक्टर खरीदा और सरकारी जमीन पर कब्जा करने इसी नए ट्रेक्टर से पूर्व महिला सरपंच को कुचल दिया । विवाद और झगड़ा के दौरान बताया जाता है पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन पुलिस घटना को रोक नहीं पाई ।ग्रामीणों के तीव्र विरोध के बाद पुलिस ने कोटवार और उसके पुत्रों के खिलाफ अपराध दर्ज किया ।पुलिस अगर चाहती तो घटना को रोका जा सकता था ।

Editor -satish sahu
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