रायपुर, झीरम नक्सली हमले की आज 25 मई को 11वीं बरसी है। ग्यारह साल के बाद भी इस हमले का सच सामने नहीं आ सका है। इस हत्याकांड को लेकर अभी भी भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में जुबानी जंग जारी है। देश के इस सबसे बड़े नक्सली हमले में कांग्रेस नेताओं सहित 30 लोगों की मौत हुई थी। उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार झीरम कांड की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी। शर्मा ने कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश पर भी इस मामले को लेकर तंज कसते हुए कहा कि सबूत उनकी जेब में हैं, वे निकाल नहीं रहे हैं। उसे निकलवाना पड़ेगा।

इस नक्सली हमले के जांच के लिए एनआईए जांच शुरू की गई, फिर मामला कोर्ट गया। फिर भाजपा ने इस मामले को लेकर कोर्ट से स्टे ले लिया और अब तक इस मामले में स्टे लगा हुआ है। इस मामले पर जमकर सियासत हुई। पक्ष विपक्ष ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए. इस तरह देश के इस बड़े नक्सली हमले को 11 साल हो गए लेकिन जांच अधूरी है। झीरम नक्सली हमला एक अनसुलझी पहली बनकर रह गई है।